Tuesday, September 21, 2010

अयोध्या का सच..


अयोध्या..एक ऐसा शहर जहां की सुबह राम नाम से होती है तो शाम अजान के साथ ढलती है..लेकिन ६ दिसंबर १९९२ को जिस विवाद का जन्म हुआ..उसने ना सिर्फ इंसानियत को बल्कि देश के सियासी हालात को भी बेनकाब़ कर दिया..देखते ही देखते धार्मिक आस्था का केन्द्र ये शहर जंग का मैदान बन गया..ऐसा लग रहा है मानो तेजी से आये इस बदलाव पर अयोध्या ख़ुद से ये पूछ रहा हो कि क्या यही था मेरा भविष्य..सदियों का इतिहास विवाद की आंधी में किसी किताब के पन्ने की तरह फाड़कर फेंक दिया गया..राम नाम की धुन में रमे रहने वाले इस शहर की चमक फैली भी तो कैसे..पूछिए मत..जिन लोगों को हमारी संस्कृति और सभ्यता को दुनिया के नक्शे पर लाना चाहिए था..वही लोग धर्म और मज़हब के नाम पर देश को बांटने में लग गये..२४ सितंबर को बाबरी मस्जिद के मालिकाना ह़क का फैसला आयेगा..बेशक कुछ लोगों के चेहरे खिल उठेंगे..तो कुछ की मुस्कुराहट छिन जायेगी..लेकिन आने वाले वक्त में जब जब इतिहास के पन्नों को पलटा जायेगा..तब तब इसकी टीस हमारी नई पीढ़ियों के दिलों में तूफान पैदा करती रहेगी..

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