Saturday, February 28, 2009

दीदार करके देखते हैं...

(सुधाकर जी हमारी मित्रमंडली में बलरामपुर से ताल्लुक रखते हैं...पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा ज़िला बलरामपुर मशहूर शायर बेकल उत्साही..अली सरदार ज़ाफरी जैसी अज़ीम शख्सियतों की नज्मों से गुलज़ार है...साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पहली बार बलरामपुर से ही १९५७ में लोकसभा में नुमाइंदगी का मौका मिला था...खैर इन सबसे इतर सुधाकर जी वक्त-वक्त पर आपको अपनी लेखनी से रूबरू करवाते रहेंगे..तो लीजिए मेरे पहले ब्लॉग की पहली नज्म..जो उन्होंने मुझे भेंट की है)

सुना है उसके आने से बागों में बहार आ जाती है...
तो चलो क्यूं न उस बगिया के बागवान बनके देखते हैं..
सुना है रूप में वो हुस्न की देवी नज़र आती है...
तो चलो उस हुस्न के मंदिर में मन्नत मांगके देखते हैं..
ये भी सुना है कि कोई खाली हाथ नहीं लौटा उसके दरबार से...
तो चलो हम भी उसका दीदार करके देखते हैं....

सुधाकर सिंह
संप्रति- टीवी पत्रकार
तारीख- 28-02-2009
मोबाइल- 09396582442